Tuesday, November 2, 2010

कम से कम मुझे तो बक्श दो .. एक विद्यार्थी की मीडीया से गुहार

अभी हाल मे हुए IIT मे लिपस्टिक प्रतियोगिता ने चाहते हुए भी बड़ा बवाल खड़ा कर दिया . भविष्य के इंजिनीयर्स ने ये सोचा भी नही होगा की उनकी ये अनोखी प्रतियोगिता उनके लिए इतनी बड़ी समस्या खड़ी कर देगी .


पूरे देश ने उनकी डीसेन्सी और उनकी ज़िम्मेदारी पे सवाल खड़ा कर दिया . पूरे मीडीया ने इस मामले को जमकर उछाला और काफ़ी टी आर पी भी हासिल की . और समाज के कुछ ठेकेदारो (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद , हिंदू जागरण मंच) ने तो इसे एक और मौका समझकर खूब धरने प्रदर्शन किए और हमेशा की तरह सरकार को मजबूरन जाँच के आदेश देने पड़े .


पाँच स्टूडेंट्स को निष्कासित कर दिया गया जिन्होने "Love Lips and Lipstick"  का आयोजन करवाया था .


इतना कुछ बवाल होने के बाद अब चर्चाओं का दौर चल पड़ा कि आख़िर इन सब का ज़िम्मेदार कौन है . वो स्टूडेंट्स जिन्होने ये प्रतियोगिता मे हिस्सा लिया था या वो लोग जिन्होने इस प्रतियोगिता का आयोजन करवाया था या वो अभिभावक जिन्होने अपने होनहार बच्चों को देश के उच्चतम प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय मे पढ़ने के लिए भेजा या संस्थान का मॅनेज्मेंट जिसने आँख बंद करके इसको मंज़ूरी दी थी बिना ये जाने की इस प्रतियोगिता मे होने क्या वाला है या अपने देश की सम्माननीय मीडीया.




 क्या ये उन स्टूडेंट्स की ग़लती है जिन्होने इसमे भाग लिया और जिन्होने इसे आयोजित करवाया ???

इस मामले के उछलने के बाद IIT के स्टूडेंट्स का एक और वीडियो यू ट्यूब पे अपलोड किया गया जिसमे कहा गया की जिन स्टूडेंट्स ने इस प्रतियोगिता मे भाग लिया वो IIT के थे ही नही .
क्या ये स्पष्टीकरण पर्याप्त है ??


आज IIT और IIM  देश की Intelectual Propery मानी जाती है . उनमे हर छोटी से छोटी घटना भी बड़ी न्यूज़ बन जाती है इस दिशा मे उन्हे अपनी . ज़िम्मेदारियो का एहसास होना चाहिए था . ये भी सच है की उन्होने कोई इतनी बड़ी ग़लती नही की है .
अगर थोड़ा सा सोचा जाए तो ये एक साधारण सी बात है  जब अपने देश के नेता बड़े बड़े कांड और घोटाले करने के बाद भी बेशर्मो की तरह अकड़ के चलते है तब उनपे कोई सवाल नही उठाता लेकिन उन स्टूडेंट्स ने जो भी किया ग़लत या सही इस दिशा मे ये उनका सराहनीय कदम था.


उन स्टूडेंट्स की तरह मे भी नादान हू मुझे भी मीडीया की तरह उतनी समझ नही है की मे किसी चीज़ को ग़लत या सही ठहरा सकूँ


इस मामले मे सबसे बड़ी भूमिका रही मीडीया की जिन्होने इस बात को ऐसे उछाला जैसे ये कोई बड़ा सेक्स कांड है . उस वीडियो मे मीडीया की कुछ रिपोर्ट्स का उल्लेख भी किया गया है ("हिमेश पर एलीयेन्स की नज़र :) :) ") . अगर आप ज़िम्मेदार है तो आपको ये हक बनता है की आप दूसरे की ज़िम्मेदारियों पे टिप्पणी कर सके लेकिन ये गैर ज़िम्मेदार मीडीया को हक नही है की वो एक छोटी सी बात को इतना उछालकर एक सम्माननीय संस्थान को बदनाम करे .


अंत मे मीडीया से बस एक ही गुज़ारिश है क़म से क़म हम स्टूडेंट्स को तो बक्श दो . अगर हम ग़लती करते है तो हमें बताओ लेकिन इस तरह हमें बदनाम करके हमारे भविष्य के साथ मत खेलो ..

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